ये रिप (RIP) कà¥à¤¯à¤¾ बला है.?
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Rajeev ChoudharyDate
19-Jun-2020Category
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बॉलीवà¥à¤¡ के मशहूर अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह राजपूत ने मà¥à¤‚बई में अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी है. सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह जवान जवान था अà¤à¥€ 34 साल का ही था. मीडिया रिपोरà¥à¤Ÿ में बताया जा रहा है कि पिछले छह महीनों से डिपà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ से गà¥à¤œà¤° रहा था और अब अवसाद जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बà¥à¤¨à¥‡ के कारण अपनी जीवनलीला ही समापà¥à¤¤ कर ली.
सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह का निधन अपूरणीय कà¥à¤·à¤¤à¤¿ है. चारों ओर शोक की लहर है. हर कोई अपने तरीके से उनको शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि दे रहा है. टà¥à¤µà¤¿à¤Ÿà¤°, फेसबà¥à¤• और वà¥à¤¹à¤¾à¤Ÿà¥à¤¸à¤ªà¥à¤ª पर उनकी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ और सीरयलस के सीन के साथ लोग अपने दà¥à¤ƒà¤– को वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ और साà¤à¤¾ कर रहे है.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई बड़े नà¥à¤¯à¥‚ज पेपर और पोरà¥à¤Ÿà¤² à¤à¥€ अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर रहे है, नà¥à¤¯à¥‚ज 24 ने लिखा रिप सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह राजपूत, à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤° की मौत के बाद बालीवà¥à¤¡ में पसरा सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾, इसके अलावा नई दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ अखबार ने लिखा रिप सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह राजपूत सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त की मौत की खबर सà¥à¤¨à¤•à¤° बेसà¥à¤§ हà¥à¤ पिता... इसके अलावा हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ टाइमà¥à¤¸ और टाइमà¥à¤¸ नाउ समेत सà¤à¥€ ने रिप सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह राजपूत लिखकर शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि और अपनी खबर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤ की.
तेजी से à¤à¤¾à¤—ती दौडती जिनà¥à¤¦à¤—ी और इंटरनेट की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में आज पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वरà¥à¤¡ का शॉरà¥à¤Ÿà¤•à¤Ÿ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाने लगा है, जैसे गà¥à¤¡ मोरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग के लिठसिरà¥à¤« जी à¤à¤® लिख देते और गà¥à¤¡ नाईट के लिठजी à¤à¤¨ लिख देते है इसी तरह से à¤à¤• शबà¥à¤¦ है रेसà¥à¤Ÿ इन पीस इस शबà¥à¤¦ के लिठआर आई पी यानि रिप का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है, लगà¤à¤— 8 वीं शताबà¥à¤¦à¥€ के दौरान किसी के मरने पर उसे दफनाते हà¥à¤ यह वाकà¥à¤¯ ईसाई कैथोलिक अंतिम संसà¥à¤•à¤¾à¤° समारोहों का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ बना. उसके लिठà¤à¤• विशेष पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की जाती थी,
यानि रिप लेटिन à¤à¤¾à¤·à¤¾ का à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ शबà¥à¤¦ है जिसका हिंदी में अरà¥à¤¥ होता है शानà¥à¤¤à¤¿ से आराम करो. अब तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ कहीं जाने की जरूरत नहीं है मतलब ये आतà¥à¤®à¤¾ के लिठनहीं है रिप शबà¥à¤¦ शरीर के लिठहै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईसाई अथवा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जब कà¤à¥€ जजमेंट डे अथवा कयामत का दिन आà¤à¤—ा, उस दिन कबà¥à¤° में पड़े ये सà¤à¥€ शव दोबारा जीवित हो जायेंगे तब तक उस दिन के इंतजार में रेसà¥à¤Ÿ à¤à¤‚ड पीस यानि शानà¥à¤¤à¤¿ से आराम करो.
कà¥à¤› शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का चलन बिना विचारे तेजी से फैल जाता है अधिकांश लोग उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने लगते है कà¥à¤› को पता नहीं और कà¥à¤› आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बनने की होड़ में à¤à¤¸à¤¾ करते है. ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® को नहीं माना जाता उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ à¤à¤• बार जनà¥à¤® लेता है और मरने के बाद कबà¥à¤° में जजमेंट डे या कयामत तक इंतजार करता है. लेकिन सनातन धरà¥à¤® और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ इस बात के पकà¥à¤· में नहीं है, इनका मानना है कि आतà¥à¤®à¤¾ कà¤à¥€ आराम नही करती, मृतà¥à¤¯à¥ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ दूसरा जनà¥à¤® तीसरा जनà¥à¤® जब तक आतà¥à¤®à¤¾ बहà¥à¤¤ महान कारà¥à¤¯ करके मोकà¥à¤· तक नहीं जाती तब तक उसकी यातà¥à¤°à¤¾ जारी रहती है.
गीता में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ à¤à¥€ कहते है कि आतà¥à¤®à¤¾ का कोई पड़ाव नहीं होता उसकी यातà¥à¤°à¤¾ अनंत है. अà¤à¥€ तक जब हमारे किसी पà¥à¤°à¤¿à¤¯ रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° मितà¥à¤° सगे संबधी की मौत हो जाती थी तो हम कà¥à¤› इस तरह अपनी संवेदना वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते थे...
जैसे पà¥à¤°à¤¿à¤¯ चाचा जी का असमय हमारे बीच से जाना बहà¥à¤¤ ही दà¥à¤–द है, उनके साथ बिताये पल सदैव हम सबको उनकी याद दिलाते रहेंगे , अचà¥à¤›à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की शायद कही और हमसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ हो
या फिर इस तरह कि मैं आपको और आपके परिवार को हमारी गहरी और सबसे गंà¤à¥€à¤° संवेदना देना चाहता हूं और आपके दादाजी की जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से परिपूरà¥à¤£ बातें सदैव हमारा मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करती रहेगी ईशà¥à¤µà¤° दिवंगत आतà¥à¤®à¤¾ को सदà¥à¤—ति पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करें..
असल में मृतà¥à¤¯à¥ सतà¥à¤¯ है और शरीर नशà¥à¤µà¤° हैं, यह जानते हà¥à¤ à¤à¥€ अपने बीच से किसी अपने के जाने का हम सà¤à¥€ को बेहद कषà¥à¤Ÿ होता हैं. हम अपने हà¥à¤°à¤¦à¤¯ तल से शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को अपनी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ में पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करते है तथा शोकाकà¥à¤² परिवार को हिमà¥à¤®à¤¤ देते है और हर à¤à¤• घड़ी में उनका साथ देने का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ à¤à¥€ हम लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिलाते है...
लेकिन आजकल किसी को अपने धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के बारे में कà¥à¤› समà¤à¤¾à¤“ तो लोग आपको कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ से रूà¥à¥€à¤µà¤¾à¤¦ जोड़ देते है. रिप संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ मोबाइल जनरेशन की à¤à¤• सबसे बड़ी नासमà¤à¥€ या कॉपी-पेसà¥à¤Ÿ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का नतीजा है. शायद रिप लिखना उनके लिठबà¥à¤°à¤¾ नहीं होता होगा वो शरीर में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करते है शरीर की शांति के लिठकह सकते है है लेकिन यदि मृतक कोई सनातन धरà¥à¤® या जैन, बौदà¥à¤§ या सिख धरà¥à¤® का हो तो यह गलत है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम शरीर में नहीं आतà¥à¤®à¤¾ के सिधांत को मानने वाले लोग है.
आप ईसाइयों की कबà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर देखिये वहां मोटे मोटे अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में लिखा होता है रिप यहीं से इसका पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मिशनरीज और कानà¥à¤µà¥‡à¤‚ट सà¥à¤•à¥‚लों से होता हà¥à¤† आज हर ओर फैल चà¥à¤•à¤¾ है. ईसाई धरà¥à¤® पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® में तो यकीं नहीं करता तो वो पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¤à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को मानता है. पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® और पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¤à¥à¤¥à¤¾à¤¨ में अंतर है. जहां à¤à¤• ओर पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® में हम शरीर की नहीं आतà¥à¤®à¤¾ की बात करते हैं तो वहीं दूसरी ओर पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¤à¥à¤¥à¤¾à¤¨ में आतà¥à¤®à¤¾ जैसी कोई चीज नहीं होती. वहां शरीर होता है जिसे दफनाया गया है और वह शरीर फिर à¤à¤• दिन जिनà¥à¤¦à¤¾ हो जायेगा.
वहीं दूसरी और सनातन धरà¥à¤® को मानने वाले मानते हैं कि शरीर नशà¥à¤µà¤° है और आतà¥à¤®à¤¾ अजर अमर है इसलिठशरीर को पंचततà¥à¤µà¥‹à¤‚ में विलीन करने हेतॠउसे जलाया जाता है. तो रिप का कोई मतलब ही नहीं बनता. गीता में तो आतà¥à¤®à¤¾ के लिठसà¥à¤ªà¤·à¥à¤ कहा गया है नैनं छिनà¥à¤¦à¤¨à¥à¤¤à¤¿ शसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿ नैनं दहति पावकः न चैनं कà¥à¤²à¥‡à¤¦à¤¯à¤¨à¥à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥‹ न शोषयति मारà¥à¤¤à¤ƒ
अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ इस आतà¥à¤®à¤¾ को शसà¥à¤¤à¥à¤° नहीं काट सकते, इसको आग नहीं जला सकती, इसको जल नहीं गला सकता और वायॠनहीं सà¥à¤–ा सकती है.
सनातन धरà¥à¤® के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ की मृतà¥à¤¯à¥ होते ही आतà¥à¤®à¤¾ निकलकर आतà¥à¤®à¤¾ अपनी यातà¥à¤°à¤¾ में निकल जाती है, या मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर परबà¥à¤°à¤¹à¥à¤® में विलीन हो जाती है. हम यह मानते हैं कि आतà¥à¤®à¤¾ अमर है और वो पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ शरीर को तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर नठशरीर में चली जाती है या मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर परबà¥à¤°à¤¹à¥à¤® में विलीन हो जाती है. सनातन धरà¥à¤® में रिप जैसा कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं. यह तो उस दिवंगत आतà¥à¤®à¤¾ को à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से कोसना हà¥à¤† कि तू यहीं पड़े रह बताओ कोई अपने पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ सगे समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ के लिठà¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ à¤à¤²à¤¾ कोई करता है. हालाà¤à¤•à¤¿ सà¥à¤¶à¤¾à¤‚त सिंह ने अंत समय में जिस रासà¥à¤¤à¥‡ का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ किया वह रासà¥à¤¤à¤¾ सही नहीं था, आप अचà¥à¤›à¥‡ अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ थे लेकिन यà¥à¤µà¤¾à¤“ं के हीरो नहीं बन पाà¤.
RAJEEV CHOUDHARY
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